दिव्यांग से हुआ प्यार, घर वाले नहीं थे राजी, खुद बारात लेकर पहुंचा दूल्हा
Lalitpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ललितपुर (Lalitpur Blind Girl Marriage) में मध्य प्रदेश के रहने वाले एक युवक ने दिव्यांग युवती से शादी की. युवक का कहना है कि वो अब अपनी पत्नी के आंखों का इलाज कराएगा.
ललितपुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ललितपुर (Lalitpur) में एक युवक ने मोहब्बत की ऐसी मिशाल पेश की, जिसकी जमकर तारीफ हो रही है. युवक ने दोनों आंखों से नेत्रहीन युवती से शादी कर जीवन भर उसका साथ निभाने का संकल्प लिया है. हालांकि युवक के परिजन इस शादी के खिलाफ हैं. यही कारण रहा कि दूल्हा लड़की के घर अकेला ही अपने दोस्तों के साथ बारात लेकर पहुंचा. लेकिन उसका कहना है कि वह जल्द ही अपने परिजनों को मना लेगा. बारात देख लड़की के परिजन और गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं है. उन्होंने पूरे रीति-रिवाज के साथ शादी की. सभी रस्मे पूरी कर अपनी बेटी को विदा कर दिया.
मड़ावरा तहसील के मदनपुर गांव निवासी दिव्यांग बब्बू रैकवार की पुत्री वन्दना जन्म से ही दोनों आंखों से नेत्रहीन हैं. पिता ने पुत्री के विवाह के लिए काफी कोशिश की, लेकिन किसी ने भी उसका हाथ नहीं थामा. इसके चलते पिता पुत्री को डोली में बैठा कर विदा करने की उम्मीद ही छोड़ चुका था. लेकिन कहते है न जोड़ियां उपर वाला बनाता है. ठीक ऐसा ही कुछ वंदना के साथ हुआ.
ऐसे बनी दोनों की जोड़ी
पिता बब्बू कहते है कि ईश्वर ने मोहन को उनकी बेटी के लिए ही भेजा है. मोहन मध्य प्रदेश के सागर जिले के मड़ावन गांव का निवासी है, और पेशे से कारीगर है. उसका कहना है कि वन्दना को उसने एक महीने पहले देखने आया था. उसे एक ही नजर में वन्दना से प्यार हो गया. हालांकि मोहन के परिजन इस शादी के खिलाफ हैं. लेकिन मोहन ने भी निश्चय कर लिया था कि वह दिव्यांग लड़की का ही हाथ थामेगा. यही कारण रहा कि शादी में उसके परिजनों की बजाय मोहन के दोस्त भर ही बाराती बनकर आये. वन्दना कोई काम ठीक से नहीं कर सकती है. वह रोटी भी नहीं बना पाती है. लेकिन मोहन का कहना है इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उसने कहा है कि वह दिन रात मेहनत करके पैसा कमा कर अपनी पत्नी की आंखों का इलाज कराएगा.
गांव वालों ने की मदद
बहरहाल बब्बू की भी माली हालत ठीक नहीं है. यही कारण रहा कि उसके गांव वालों ने शादी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बारातियों को खाने, पीने और रुकने की व्यवस्था गांव वालों ने ही की थी.
ललितपुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ललितपुर (Lalitpur) में एक युवक ने मोहब्बत की ऐसी मिशाल पेश की, जिसकी जमकर तारीफ हो रही है. युवक ने दोनों आंखों से नेत्रहीन युवती से शादी कर जीवन भर उसका साथ निभाने का संकल्प लिया है. हालांकि युवक के परिजन इस शादी के खिलाफ हैं. यही कारण रहा कि दूल्हा लड़की के घर अकेला ही अपने दोस्तों के साथ बारात लेकर पहुंचा. लेकिन उसका कहना है कि वह जल्द ही अपने परिजनों को मना लेगा. बारात देख लड़की के परिजन और गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं है. उन्होंने पूरे रीति-रिवाज के साथ शादी की. सभी रस्मे पूरी कर अपनी बेटी को विदा कर दिया.
मड़ावरा तहसील के मदनपुर गांव निवासी दिव्यांग बब्बू रैकवार की पुत्री वन्दना जन्म से ही दोनों आंखों से नेत्रहीन हैं. पिता ने पुत्री के विवाह के लिए काफी कोशिश की, लेकिन किसी ने भी उसका हाथ नहीं थामा. इसके चलते पिता पुत्री को डोली में बैठा कर विदा करने की उम्मीद ही छोड़ चुका था. लेकिन कहते है न जोड़ियां उपर वाला बनाता है. ठीक ऐसा ही कुछ वंदना के साथ हुआ.
ऐसे बनी दोनों की जोड़ी
पिता बब्बू कहते है कि ईश्वर ने मोहन को उनकी बेटी के लिए ही भेजा है. मोहन मध्य प्रदेश के सागर जिले के मड़ावन गांव का निवासी है, और पेशे से कारीगर है. उसका कहना है कि वन्दना को उसने एक महीने पहले देखने आया था. उसे एक ही नजर में वन्दना से प्यार हो गया. हालांकि मोहन के परिजन इस शादी के खिलाफ हैं. लेकिन मोहन ने भी निश्चय कर लिया था कि वह दिव्यांग लड़की का ही हाथ थामेगा. यही कारण रहा कि शादी में उसके परिजनों की बजाय मोहन के दोस्त भर ही बाराती बनकर आये. वन्दना कोई काम ठीक से नहीं कर सकती है. वह रोटी भी नहीं बना पाती है. लेकिन मोहन का कहना है इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उसने कहा है कि वह दिन रात मेहनत करके पैसा कमा कर अपनी पत्नी की आंखों का इलाज कराएगा.
गांव वालों ने की मदद
बहरहाल बब्बू की भी माली हालत ठीक नहीं है. यही कारण रहा कि उसके गांव वालों ने शादी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बारातियों को खाने, पीने और रुकने की व्यवस्था गांव वालों ने ही की थी.
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